Success Story Of Middle Class Family Student कभी बुक्स-एडमिशन के लिए नहीं थे पैसे, अब किसान का बेटा बना चार्टेड एकाउंटेंट
कभी बुक्स-एडमिशन के लिए नहीं थे पैसे, अब किसान का बेटा बना चार्टेड एकाउंटेंट
पीयूष का जन्म 6 जनवरी 1988 को हुआ था। मैट्रिक परीक्षा उच्च विद्यालय, बिहटा से वर्ष 2002 में 62 प्रतिशत से पास किया।
आरा.विपरीत आर्थिक परिस्थितियां और मैट्रिक में महज 62 फीसद अंक रहने के बाद भी तरारी प्रखंड के बिहटा गांव के एक युवक का हौसला कम नहीं हुआ। उसने चार्टेड एकाउंटेंट बनने का बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया। लगन से आगे की पढ़ाई पूरी की और कड़ी प्रतिस्पर्धा पार कर चार्टेड एकाउंट बन गया। यह युवक बिहटा गांव का ओम प्रकाश सिंह उर्फ पीयूष है। पीयूष के पिता सुधीर सिंह किसान हैं। माता सोनामती देवी गृहिणी हैं।
पीयूष की आपबीती उन युवकों के लिए प्रेरणा है, जो मैट्रिक या इंटर की परीक्षा में 80-90 फीसद अंक नहीं आने पर निराश हो जाते हैं और आगे के लिए बड़ा लक्ष्य निर्धारित नहीं करते। 6 फरवरी से इंटर परीक्षा शुरू होने वाली है। परीक्षा के रिजल्ट से घबराए छात्रों को पीयूष के जज्बे का अनुकरण करना चाहिए।
जरुरी किताबें खरीदने व महंगे कॉलेज में दाखिले को नहीं थे पैसे, ओपन यूनिवर्सिटी से बीकॉम कर क्रैक कर दिया टारगेट
पीयूष का जन्म 6 जनवरी 1988 को हुआ था। उसने गांव में पढ़ाई शुरू की। मैट्रिक परीक्षा उच्च विद्यालय, बिहटा से वर्ष 2002 में 62 प्रतिशत प्राप्तांक से उत्तीर्ण किया। फिर स्थिति ऐसी आ गई कि उसके पास जरुरी किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। महंगे प्राइवेट कॉलेज में दाखिला नहीं ले सकता था। इसी बीच पीयूष के बड़े भाई की नौकरी नौ सेना में लग गई। बड़े भाई के आर्थिक सहयोग से पियूष ने एल.पी.शाही कॉलेज, पटना से इंटरमीडिट किया। इसके बाद इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली से बीकॉम किया। फिर पीयूष ने चार्टेड एकांउटेंसी के लिए आईसीएआई की प्रवेश-परीक्षा दी। नवम्बर 2017 में चार्टेड एकाउंटेंट की परीक्षा पास की। जिसके बाद दिल्ली में ट्रेनिंग ली।
अभिभावक बच्चों को ताने न दें: पीयूष
पीयूष के अनुसार सीए देश की आर्थिक मजबूती में बहुत योगदान रखता है। बच्चे तरक्की करें, इसके लिए अभिभावक अपने परिवार में बच्चों के हौसलों को टूटने नहीं दें। बच्चों का मनोबल बढ़ाते रहना चाहिए। बच्चों की असफलताओं पर उन्हें ताने देकर कमजोर नहीं करें। उन्हें ढाढस बढ़ाये। पढाई के नए टिप्स सिखाएं। छात्रों से कहना है कि परिश्रम करने सफलता जरूर मिलती है। परिश्रम कभी बेकार नहीं होता। इसका फल मिलता ही है।
पीयूष के अनुसार सीए देश की आर्थिक मजबूती में बहुत योगदान रखता है। बच्चे तरक्की करें, इसके लिए अभिभावक अपने परिवार में बच्चों के हौसलों को टूटने नहीं दें। बच्चों का मनोबल बढ़ाते रहना चाहिए। बच्चों की असफलताओं पर उन्हें ताने देकर कमजोर नहीं करें। उन्हें ढाढस बढ़ाये। पढाई के नए टिप्स सिखाएं। छात्रों से कहना है कि परिश्रम करने सफलता जरूर मिलती है। परिश्रम कभी बेकार नहीं होता। इसका फल मिलता ही है।
बड़े भाई को मानते हैं रोल मॉडल
पीयूष ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, मामा विद्यानंद सिंह का आशीर्वाद, भाई-भाभी व बहन का सहयोग व मित्रों के योगदान को दिया। वह अपना रोल मॉडल अपने बड़े भाई प्रेम प्रकाश को मानते हैं।
पीयूष ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, मामा विद्यानंद सिंह का आशीर्वाद, भाई-भाभी व बहन का सहयोग व मित्रों के योगदान को दिया। वह अपना रोल मॉडल अपने बड़े भाई प्रेम प्रकाश को मानते हैं।
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